26 अक्टूबर 2016 करेण्ट अफेयर्स

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1) अक्टूबर 2016 के दौरान जारी जानकारी के अनुसार भारतीय बैंकों में जमा धन का कुल पोर्टफोलियो (deposit portfolio of Indian banks) 30 सितम्बर 2016 को किस अहम स्तर को पार कर गया? – 100 ट्रिलियन रुपए (1000 खरब रुपए)
विस्तार: भारतीय बैंकों में जमा कुल धन का पोर्टफोलियो 30 सितम्बर 2016 को एक अहम मुकाम 100 ट्रिलियन रुपए, (Rs. 100 trillion), यानि 1000 खरब रुपए को पार कर गया।
– भारत, जोकि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है तथा वर्तमान में दुनिया की सबसे तेजी से वृद्धि दर्ज कर रहीं अर्थव्यवस्थाओं में से एक मानी जाती है, में बैंक जमा को दोगुना होने में 5 साल और 7 माह का समय लगा है। उल्लेखनीय है कि फरवरी 2011 में देश का कुल बैंक जमा 50.46 ट्रिलियन रुपए था।
– वहीं बैंकों के जमा को इससे पूर्व दोगुना होने में कम समय लगा था। उदाहरण के लिए मार्च 2007 के 25.04 ट्रिलियन से दोगुना होने में तीन साल और 11 माह का समय लगा था जबकि नवम्बर 2002 के 12.57 से दोगुना होने में इसे चार वर्ष और चार माह का समय लगा था। वहीं जून 1998 के 6.26 ट्रिलियन के स्तर से इसे दोगुना होने में भी लगभग 4 वर्ष और चार माह का समय लगा था।
– पिछले एक दशक में देश की बैंकिंग व्यवस्था में जमा धन की मात्रा में लगभग चार गुनी वृद्धि दर्ज हुई है।

2) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने 24 अक्टूबर 2016 को एक अत्यंत महात्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ अपनी लोकसभा सीट वाराणसी (Varanasi) में किया जिसके तहत वाराणसी के परिवारों को पाइप से खाना पकाने की गैस की सुविधा मुहैया करने के अलावा इस योजना से पूर्वी भारत के पाँच राज्यों को भी आगामी वर्षों में जोड़ा जायेगा। इस योजना का नाम क्या है? – “ऊर्जा गंगा” (Urja Ganga)
विस्तार: “ऊर्जा गंगा” (Urja Ganga) भारत सरकार की उस महात्वाकांक्षी योजना का नाम है जिसके तहत अगले दो साल के भीतर वाराणसी के परिवारों को पाइप से खाना पकाने की गैस (piped cooking gas) उपलब्ध कराने का खाका तैयार किया गया है।
– इसके अलावा एक साल बाद इस परियोजना से पूर्वी भारत के और राज्यों को जोड़ा जायेगा जैसे बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल और ओडीशा।
– माना जा रहा है कि “ऊर्जा गंगा” के द्वारा लगभग 20 लाख परिवारों को पाइप वाली घरेलू गैस की सुविधा मिलेगी। इस परियोजना का एक अहम पहलू यह भी है कि इससे देश के पूर्वी क्षेत्र में उद्योगों को ऊर्जा मुहैया कराने का विस्तृत खाका भी सरकार ने तैयार किया है तथा इस समूचे क्षेत्र के विकास को अहमियत दी गई है।
– उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम गेल (GAIL) ने पाइपों के द्वारा गैस पहुँचाने के लिए ट्रंक पाइपलाइन का लगभग 11,000 किमी. लम्बा संजाल तैयार किया है। अब “ऊर्जा गंगा” योजना के तहत इसमें 2540 किमी. की और वृद्धि होगी।
– वहीं वाराणसी के लिहाज से पूरे शहर में 800 किमी. लम्बी MDPI पाइपलाइन बिछाई जायेगी जिसके द्वारा लगभग 50,000 घरों को पाइप के द्वारा घरेलू गैस (piped cooking gas) तथा लगभग 20,000 वाहनों को सीएनजी (CNG) उपलब्ध कराई जायेगी।

3) केन्द्र सरकार ने अक्टूबर 2016 को सरकारी कर्मियों (service voters) तथा सशस्त्र सेनाओं के कर्मियों (personnel from armed forces) को मतदान से सम्बन्धी कौन सी प्रमुख सुविधा उपलब्ध कराने का दिशानिर्देश जारी कर दिया जिसकी मांग पिछले काफी समय से सशस्त्र सेनाओं के कर्मियों द्वारा विशेष रूप से मांगी जा रही थी? – ई-पोस्टल मतदान सुविधा (E-Postal ballot facility)
विस्तार: केन्द्र सरकार ने अक्टूबर 2016 के दौरान मतदान सम्बम्धी कानूनों में संशोधन करते हुए सशस्त्र सेनाओं के कर्मियों सहित सरकारी कर्मियों को ई-पोस्टल मतदान सुविधा (E-Postal ballot facility) प्रदान कर दी जिसके चलते वे बिना किसी समय की बर्बादी के अपनी नियुक्ति वाले स्थान से मतदान कर सकेंगे।
– इसके लिए 1961 के चुनाव सम्पन्न कराने वाले कानून (Conduct of Elections Rules, 1961) की धारा 23 में संशोधन किया गया है, जिसका दिशानिर्देश केन्द्र सरकार ने 21 अक्टूबर 2016 को जारी कर दिया। इस संशोधन के द्वारा ही सरकारी कर्मियों को ई-पोस्टल मतदान सुविधा प्रदान की गई है।
– उल्लेखनीय है कि अभी तक इस वर्ग को पूर्णतया डाक-आधारित मतदान सुविधा उपलब्ध थी लेकिन इसकी प्रक्रिया बेहद धीमी होने के कारण इसका अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा था। अब ई-पोस्टल मतदान सुविधा के द्वारा मतदाता अपनी नियुक्ति वाले स्थान में रहते हुए अपना मतपत्र इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से डाउनलोड कर सकेगा तथा तथा अपना मत दर्ज करा कर इस मत को डाक के परंपरागत तरीके से प्रेषित कर सकेगा।
– ई-पोस्टल मतदान सुविधा को पूर्णतया इलेक्ट्रॉनिक नहीं बनाया गया है क्योंकि इस सम्बन्ध में भारत के चुनाव आयोग का मानना था कि इसका दुरुपयोग हो सकता है तथा निजता भी प्रभावित हो सकती है।

4) पॉल बेयटी (Paul Beatty) 25 अक्टूबर 2016 को मैन बुकर पुरस्कार (Man Booker Prize) जीतने वाले पहले अमेरिकी लेखक बन गए। उन्हें अपनी किस पुस्तक के लिए यह अत्यंत प्रतिष्ठित साहित्यिक सम्मान प्रदान किया गया? – “The Sellout”
विस्तार: “The Sellout” लॉस एंजेल्स में पैदा हुए 54 वर्षीय अमेरिकी लेखक पॉल बेयटी (Paul Beatty) की उस पुस्तक का नाम जिसे वर्ष 2016 का मैन बुकर पुरस्कार (2016 Man Booker Prize) 25 अक्टूबर 2016 को प्रदान किया गया। व्यंग्य शैली में लिखे इस उपन्यास का मुख्य पात्र अपनी अफ्रीकी-अमेरिकी पहचान को जताने के लिए भरसक प्रयास करता है।
– इस पुरस्कार के साथ पॉल बेयटी यह पुरस्कार जीतने वाले पहले अमेरिकी लेखक बन गए हैं। मैन बुकर पुरस्कार अंग्रेजी भाषा के साहित्यकारों को प्रदान किया जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है।
– उल्लेखनीय है कि 50,000 पाउण्ड (£50,000) वाले इस पुरस्कार के नियमों को तीन साल पहले ही संशोधित किया गया था जिसके तहत अब किसी भी देश के अंग्रेजी लेखक इस पुरस्कार के लिए अर्ह हैं। पहले यह पुरस्कार सिर्फ राष्ट्रमण्डल (Commonwealth) देशों के लेखकों को प्रदान किया जाता था।

5) एक अत्यंत अप्रत्याशित फैसले में टाटा समूह (Tata Group) के निदेशक मण्डल ने समूह के अध्यक्ष (Chairman) साइरस पी. मिस्त्री (Cyrus P. Mistry) को 24 अक्टूबर 2016 को उनके पद से हटा दिया। उनके स्थान पर किसे कार्यवाहक अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है? – रतन टाटा (Ratan Tata)
विस्तार: पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा (Ratan Tata) को 24 अक्टूबर 2016 को तब टाटा समूह का कार्यवाहक अध्यक्ष (interim Chairman) नियुक्त कर दिया गया जब समूह के अध्यक्ष की जिम्मेदारी पिछले 4 सालों से निभा रहे साइरस पी. मिस्त्री को एकाएक पद से हटा दिया गया।
– रतन टाटा को अगले चार माह के लिए कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया है जबकि उनके सक्षम उत्तराधिकारी के चयन के लिए एक चयन समिति का गठन भी कर लिया गया है। इस समिति के सदस्य हैं – रतन टाटा, वेणु श्रीनिवासन, अमित चन्द्रा, रोनेन सेन और एल.के. भट्टाचार्य।
– उल्लेखनीय है कि 48-वर्षीय साइरस पी. मिस्त्री 100 अरब डॉलर के वैश्विक व्यापार वाले टाटा समूह के छठवें अध्यक्ष थे तथा वे दिसम्बर 2012 में रतन टाटा के ही स्थान पर अध्यक्ष बने थे। वे टाटा समूह के निदेशक मण्डल में 2006 से हैं।
– माना जा रहा है कि साइरस पी. मिस्त्री द्वारा लिए गए कुछ विवादित फैसलों जैसे विस्तारा एयरलाइन की शुरूआत, टाटा डोकोमो, टाटा मोटर्स से सम्बन्धित निर्णय तथा टाटा स्टील समेत तमाम कम्पनियों की परिसम्पत्तियों को बेचने के चलते उन्हें हटाया गया है।

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